आँखों का धोखा || New Hindi Story
बहुत समय पहले की बात है। एक गडरिये के पास बहुत सुंदर दिखने वाला एक मेढ़ा था। वह बहुत ही हटा कट्टा था और उसके सींग मजबूत और घुमावदार थे। उसका पूरा शरीर घनी सुनहरी ऊन से भरा हुआ था वह घूमने का बहुत शौकीन था वह रोज घूमने के लिए गाँव से दूर निकल जाता था।
एक दिन वह पास के एक जंगल में जाकर इधर उधर टहल रहा था। अंधेरा हो जाने पर उसने गांव लौट जाने का फैसला किया। किंतु जल्दी ही उसे इस बात का एहसास हो गया कि वह रास्ता भूल चुका है अब उसके पास जंगल में रहने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है वह जंगल में रहने लगा।
इससे पहले जंगल के दूसरे पक्ष को ने कभी मेढ़ा नहीं देखा था। इसलिए जंगल के सभी पक्षियों उसे दुश्मन समझ कर उसे दूर भागने लगे सभी उसके बड़े बड़े घुमावदार सींगो और उसके घने बालों वाले शरीर को देख कर बहुत डरते थे। इस प्रकार वह जंगल में बिना किसी के डर से लापरवाह हो कर अपना जीवन बिताने लगा।
एक दिनों उस जंगल के राजा शेर ने कुछ दूर से उस मेढ़ा को देखा। शेर ने अपने पूरे जीवन में ऐसा जीव कभी नहीं देखा था। उसे देखकर वह हैरान रह गया उसके बड़े घुमावदार,मजबूत सिंग, बड़े शरीर को देखकर शेर हैरान रह गया ।और उसके पास जाने को ललचाने लगा ।
अभी शेर ने उसके पास जाने का मन ही बनाया था कि उसने मेढे. को एक पेड़ के तने पर अपने सर के प्रहार करते देखा। उसका बार इतना जोरदार था कि पेड़ जड़ से हिलने लगा।
अरे!, यह जीव कितना बालशाली है। यदि यह एक ही बार में ऐसे मजबूत पेड़ को हिला सकता है तो मुझे देख लेने के बाद मुझे मार डालने में भला कितना समय लगेगा। यह जरूर ही कोई दृष्टि राक्षस है। इससे पहले कि यह मुझे देख ले मुझे यहां से भाग जाना चाहिए। यह सोच शेर वहां से नौ दो ग्यारह हो गया।
कुछ कुछ दिनों बाद जंगल में इधर-उधर घूमने के दौरान शेर ने फिर उस मेढ़ा को देखा। उस डरावने जीव को फिर से देखने के बाद शेर डर के मारे वहां से भागने ही वाला था। कि उसने अपनी आंखों के सामने एक अनोखा दृश्य देखा उसने देखा कि मेढ़ा घास चल रहा है और पेड़ के पत्ते चबा रहा है।
ओह! यह कोई राक्षस नहीं बल्कि घर खाने वाला एक साधारण सा पशु है। मैं बेकार में ही ही अब तक इस से डरता था। ' शेर ने सोचा'।
वह अपनी कायरता पर शर्मिंदा था। उसने खुद को बलशाली साबित करने के लिए मेरे को मार डालने का फैसला किया एक ही छलांग में उसके पास जा पहुंचा इससे पहले कि मेढ़ा शेर से खुद को बचा पाता, शेर ने उसे पकड़ लिया और उसकी जीवन लीला समाप्त कर दी।
उस रात, शेर के परिवार के सदस्यों ने मेढे के मास को खाकर महाभोज बनाया।
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